सरकार और शिक्षक
जब से उत्तर प्रदेश में नई सरकार बनी है तबसे मानो यहाँ के शिक्षकों की शामत आ रखी है | मालूम पड़ता है की योगी जी को हर काममें सबसे परफेक्ट यहाँ के टीचर ही लगते हों | क्लीन इंडिया ग्रीन इंडिया के सबसे वफादार कर्मचारी , पशुगणना हो या फिर जनगणना, पोलियो मुक्त भारत बनाना हो या फिर मकान गणना भी बहुत सारे ऐसे ही कामों में सबसे अच्छे है यहाँ के टीचर्स |
बस भाई ! जब ये बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जाते है बस तभी सरकार को इनमे कमियों की भरमार दिखाई पड़ती है | ये कितना भी मेहनत क्यू ना कर लें आउटकम हमेशा जीरो ही दिखता है सरकार को, जनता को और मीडिया को भी |
मीडिया कभी भी इसके लिए आवाज नही उठाती है की ये सब टीचर हैं ना की कोई चपरासी और ना ही सफाईकर्मी | इन्हें वो ही काम करने दिया जाये जिसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी गयी है और जो वो करना चाहते हैं पर नही |
यहाँ के टीचर आल राउंडर है सर जी | अब नया फरमान जारी हुआ है की अगर स्कूल में सफाईकर्मी नही आता है तो टीचर खुद झाड़ू लगायेंगे | वाह री सरकार .............. और सरकार के मंत्री जी |
खुद करके देखना कभी इतने सारे काम एक साथ और वेतन के लिए करना दो दो महीने इंतज़ार फिर दिखाना अपना आउटकम |
साहब जी ! टीचर समाज को एक अभिन्न अंग है उसका मुख्य काम उसे आप करने नही देते हैं बाकि सेकेंडरी चीजे खूब कराते हैं फिर कहते हैं की टीचर अपना काम नही करते है|
टीचर अपनी जिम्मेदारियों से कभी भागता नही है और ना ही वो किसी को परेशान करना चाहता है वो हमेशा अपना ज्ञान और समय समाज को ही देता है अपना रोल और जिम्मेदारी को समझते हुए | कृपया उसे उसका काम उसके हिसाब से ही करने दे | स्कूल को अपना प्रयोगशाला और टीचर को उसका ऑब्जेक्ट ना बनाये |
उम्मीद है की आप तक यह बात जल्दी पहुच जाये |