CTET ENVIRONMENT NOTES IN HINDI -2
ध्वनि प्रदूषण
- ध्वनि की इकाई - डेसीबेल
CTET NOTES IN HINDI - डेसीबेल – कम से कम ध्वनि जिसे मनुष्य अपने कानों से सुन सकते हैं|
- ध्वनि मापन का पैमाना दिया था – अलेक्जेंडर ग्राहम बेल
- डेसिबल का पैमाना जिसपे इसे मापा जाता है – लघुगणक पैमाना
- तेज ध्वनि क्षेत्र में लम्बे समय तक काम करने वाला किस रोग से पीड़ित हो सकता है – उच्च रक्तचाप एवं ह्रदय रोग से
- मनुष्य सामान्यतया कितने डेबी की ध्वनि सह सकता है – 80 डेसीबेल
- अस्पताल के गलियारे में कितना शोर स्तर स्वीकार किया गया है – 35-40 डेसिबल
- किस तीव्रता के बाद ध्वनि मनुष्य के लिए असुविधाजनक हो जाती है – 120 डेसीबेल
- ध्वनि प्रदूषण को किस केटेगरी में वर्गीकृत किया गया है – इनविजिबल पोलूशन
- जब ध्वनि एक माध्यम से दुसरे माध्यम में प्रवेश करती है, तो अपरिवर्तित रहता है – आवृति
- ध्वनि का प्रभाव कान में कितने समय तक रहता है – 1/10 सेकंड तक
- 0०C पर हवा में ध्वनि का वेग – 332 मी/ सेकंड
- ध्वनि की चाल अधिकतम होती है – इस्पात में
- चमगादड़ अंधेरे में उड़ते है क्योकि – पराश्रव्य तरंग उत्पन्न करने के कारण
- प्रतिध्वनी का कारण है – ध्वनि का परावर्तन
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